Monday, 17 June 2013

आदमी और भ्रष्टाचार



आम आदमी और भ्रष्टाचार
इन दोनों में है गहरा नाता
पहले लोग नेताओं की तस्वीरें
दीवारों पर लगाते थे
उनके आदर्श और चरित्र
भूल नहीं पाते थे
अब बढ़ते भ्रष्टाचार
फैलते व्यभिचार
देखकर अब  जुलूसों में
पुतला दहन के काम आते हैं
दोनों एक दूसरे के
बन गए हैं पहचान
छूट गया है धर्म और ईमान
अधिकांश नेता और सरकारी अधिकारी
चमचे प्रवृतिवाले कर्मचारी
हो गए हैं भ्रष्ट
जनता झेलती है कष्ट
हमारा लोकत्रंत्र
बन गया है भ्रष्टतंत्र
इनसे निबटने के लिए
आम आदमी को सौपनी होगी
कुछ चाबियाँ
जिससे दूर होवे खामियाँ
कानून की समझ जागरुकता
शिक्षा नैतिकता
रक्षा हेतु अस्मिता
तय करनी होगी
दूर करनी होगी
ऊँच -नीच जात -पात
तब होगा देश का कल्याण
इनसे बचाओ भगवान । 

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