Tuesday 3 November 2015

अच्छा लगता है

शरद ऋतू आते ही
अच्छा लगता है हर दिन।
दिन तैरता है
झील सी आँखों में
रंग बिरंगे फूल
बांसों की झुरमुट में
पेड़ों की डालियों पर
चिड़ियों का चहकना
अच्छा लगता है।
अच्छा लगता है 
हरे भरे जंगल
फुदकते हैं खरगोश
हरिया की झोपडी में
बतियाना अपनों से।
अच्छा लगता है 
माँ के सूनेपन में
रात भर ढलता है
अच्छा दिन।
जल प्रपात का झरना
दूधिया रंग लिए
झाग फैलाकर
पहाड़ों को चीरकर
पानी का बहना
अच्छा लगता है।
हवा का ठण्ड लिए
देह का स्पर्श
बहुत अच्छा लगता है।
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