Sunday 9 February 2020

ललक के बिना


कुछ नहीं
ललक के बिना
हम खुद पर ध्यान दें
कोई टीस
कोई ललक
हमारे भीतर से ही उठती है
यह ललक ही
मुझे आगे ले जाएगी
यह टीस ही
मुझसे कुछ बेहतर करवा लें जाएगी
भीतर से उठने वाली आवाज को शब्द दें
एक एक शब्द को गूंथते जाएं3
अगर हमें खारिज होना
और करना आता है तो
हम जरूर सफल होंगे
बेहतर करने के लिए
जरूरी है
स्थिरता
प्रतिबद्धता
धैर्य की आवश्यकता
नए साल में नया काम करें
पर पुराना न छोड़ें
पुराना काम खतम करने के बाद
नया काम में पैर रखने की
मजबूत जगह मिलने के बाद ही
पुराना छोड़े।
नए वर्ष में अपनी लेखनी को
उसी ओर मोड़ें।
                   ★★★
       © #कामेश्वर_निरंकुश

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