Wednesday 12 February 2020

मुझे पता है


आपके हृदय की बात
सुनकर
बहुत कुछ सोचकर और गुनकर
जो भी मन मे विचार आया
मैंने आपको खुलकर बताया
फिर भी जो सच है
मुझे पता है
आज किसकी पूछ है
वही जिसके पास सबकुछ है
आप लाख किसी को
चाहें, मानें, जाने
उसके लिए कुछ भी
करने के लिए ठाने
लेकिन जिसकी याद में
स्नेहिल सुख की कामना कर
आप सारा दिन
पूरी रात बिताते हैं
उसके बिना चैन नहीं पाते हैं
इसका क्या  हैं अर्थ ?
उसे अनेक चाहने वाले हैं
आप क्यों सोचते हैं ब्यर्थ ?
प्रति दिन की तरह
कल सबेरा होते ही
आप चाहे कितने भी
भारी भारी शब्दों से
सजावट कर
सुविचार प्रेषित करें
...यदि
आँखों में स्नेह
होठों पर मुस्कान
ह्रदय में सरलता
मन में करुणा रहते हुए
मन तब पूछता है
क्या उसे सोचना अनर्थ है
मुँह बन्द है
इतना होते हुए भी
तुम्हारी आँखें क्यों ढूंढ रही है उसे
यही प्रश्न तुझे खाए जा रही है।
मन को अशांत बनाए जा रही है।।
           ★★★

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