Sunday 9 February 2020

ऐसे_में_चुपचाप


आज अपने देश में
राजनीति की चाल
बिगाड़ने हेतु
कुछ कर रहे हैं बवाल
गणतंत्र दिवस के
कुछ दिन ही रह गए शेष
क्यों हम भूल रहे हैं संविधान
देशहित राष्ट्रप्रेम को विस्मृत कर
कौन सा रच रहे हैं विधान
हमे याद रखनी चाहिए
कम नहीं होता
सागर का खारापन
कम नहीं होती
पत्थर की सख्ती
कम नहीं होता
काँटों का नुकीलापन
कम नहीं होती
पर्वत की संवेदनहीनता
कम नहीं होता
आकाश का अंतहीन फैलाव
कम नहीं होता
रेगिस्तान का प्रभाव
ऐसे में
कोई भी हो
हम हों या आप
क्या
बस देखते ही रहेंगे चुपचाप ?
              ★★★
   ©  #कामेश्वर_निरंकुश

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