Tuesday 27 October 2015

वाद्य यंत्र

आदिवासी मस्त
वाद्य यंत्र मिलेंगे सर्वत्र।
रसिक कलाकार 
इसीमे दिखते हैं व्यस्त।

पहला वाद्य यंत्र
नगाड़ा
वृहद नगाड़ा
मध्यम नगाड़ा
छोटा नगाड़ा
हर पर्व-त्यौहार-उत्सव का प्रतीक
नगाड़ा ।

ढाँक
ढोल-ढोलक
चोड़-चोड़ी (करह)
मांदर
ठेचका
फेचका
सेईखो (रेगड़ा)
सेकोय
घाघर या घुघरा
गोड़ाम
बांसुरी
मोहन बांसी
तिरियो
मुरली
जोड़ा मुरली
शहनाई
सँखवा
भेइर
कुडूदुतू या नरसिंघा
टोहिला या टुहिला
केन्दरा
बनम
सारंगी
भुआड़ 
भुआंग
इनकी प्रकृति और संस्कृति एक है
झारखण्डी जनजातियों का
वाद्य यंत्र अनेक हैं

ये वाद्य यंत्र
कलाकारों या रसिकों के
वेशकीमती गहने हैं
कामिनी आभूषणों से होते हैं सुशोभित
कलाकार रसिक
वाद्यों से होते हैं विभूषित।
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