हर रोगी के जीवन की रक्षा
करना यही कसम है।
क्यों करते हैं चिन्ता
हम हैं तो क्या गम हैं।।
कोरोना कहर दूर हो जाए
डॉक्टर की यह अभिलाषा,
रोग मुक्त प्रसन्न सब होएं
हम सबकी यही सुभेच्छा
दूसरी लहर नाकाम करेंगे
हम सब में इतना दम है।
हम हैं तो क्या गम है।।
धीरे-धीरे फैल रहा था
जग में मौत की साया,
काला फफूंद ने आकर
पुनः बहुत डर फैलाया,
बच्चे बूढ़े की जान बचाना
हम सबका अब धरम है।
हम हैं तो क्या गम है।।
स्वस्थ रहे यह राष्ट्र हमारा
यही जन गण की चाहत,
मास्क लगाएं दूरी रखें
कभी न आए आफत,
वैक्सीन लेकर रहे सुरक्षित
स्वस्थ रहना ही हरदम है।
हम हैं तो क्या गम है।।
मौज-मस्ती में समय मिले
कभी न हो शिकवे-गिले,
इस आशा की आस लगी
पहले जैसा फिर गले मिले,
त्रासद-घड़ियाँ कभी न आए
हरदम यही लगन है।
हम हैं तो क्या गम है।।
स्वस्थ रहेंगे स्वस्थ रखेंगे
यह संकल्प उठाया,
मानव सेवा बड़ा धर्म है
यही काम अपनाया,
लड़ना है इस कोरोना से
जब तक दम में दम है।
हम हैं तो क्या गम है।।
तीसरी लहर की शंका से
सबमें भय समाया,
पहले से ही रहें सचेत
नहीं पड़े उसकी छाया,
उसके आंसू पोछेंगे
जिसकी आँख भी हम है।
हम हैं तो क्या गम है।
डटे रहे कर्तव्य मार्ग पर
सेवा में तन मन से,
क्रंदन-रुदन नहीं गूंजे
गलियों घर आंगन से,
काम आ सके किसी के
समझें सफल जनम है।
हम हसीन तो क्या गम है।।
★★★
#कामेश्वर_निरंकुश
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