मैं छोटा था
शहर भी छोटा था
इसलिए सुंदर था
शांत था
रमणीय था
और अलग भी
दूसरे अन्य शहरों से
मैं बड़ा होगया
शहर भी बड़ा हो गया
फैल गया
मेरी तरह ख़त्म हो गयी
उसकी भी शांति
चंचलता शोखपन
रवानगी दीवानगी
मेरी नष्ट हो गयी
नष्ट हो गयी है
शहर की भी सुंदरता
दफन हो गयी है
इसकी भी इंसानियत
यही है हकीकत
याद आ गयी
बहुत पहले कही गयी बातें
छोटी चीज़ों में छिपा रहता है
इस तरह उनका बड़प्पन
कि बड़ी चीज़ें
बहुत छोटी हो जाती हैं
उनके सामने
बड़ा होना खल गया
मुझे भी और
अपने शहर रांची को भी ।
शहर भी छोटा था
इसलिए सुंदर था
शांत था
रमणीय था
और अलग भी
दूसरे अन्य शहरों से
मैं बड़ा होगया
शहर भी बड़ा हो गया
फैल गया
मेरी तरह ख़त्म हो गयी
उसकी भी शांति
चंचलता शोखपन
रवानगी दीवानगी
मेरी नष्ट हो गयी
नष्ट हो गयी है
शहर की भी सुंदरता
दफन हो गयी है
इसकी भी इंसानियत
यही है हकीकत
याद आ गयी
बहुत पहले कही गयी बातें
छोटी चीज़ों में छिपा रहता है
इस तरह उनका बड़प्पन
कि बड़ी चीज़ें
बहुत छोटी हो जाती हैं
उनके सामने
बड़ा होना खल गया
मुझे भी और
अपने शहर रांची को भी ।
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