Monday, 18 November 2013

जनता का संकल्प

राजनीतिक दल में
अपराधी
व्यभिचारी
बलात्कारी
माफिया
धनपति
बाहुबली
दबंग
अपनी हठ धर्मिता पर
उम्मीदवार बन कर जब भी जुटे
ऐसे धूमिल छवि वाले को
वोट नहीं देने का
जनता को लेना होगा संकल्प
कोई भी दूसरा नहीं है विकल्प
चुनाव में राजनीतिक दल को
आईना दिख जाएगा
अपराध की जाल से
राष्ट्र निकल पाएगा ।

युवा और वोट

युवाओं को पसंद है
दीपिका पादुकोण  के प्रेम प्रसंग
कैटरीना के  नए आशिक़
चिकेन कबाब
डी जे पर नाच
बीयर का स्वाद
वोट मांगने के लिए
क्यूँ करें फ़रियाद   
युवाओं को अच्छा लगता है
सोशल साइट्स पर करना चैट
अच्छी तरह समय कटता है इसमें बैठ
आज़ादी के बाद
युवा नेता वर्ग को पहचान गया है
वोट की राजनीति में
शतरंज का मोहरा हम नहीं होंगे
यह मान गया है ।
    

वोट की राजनीति

युवा
राजनीति
और वोट
चुनाव के माहौल में
इसी पर हो रहा है चोट
राजनीतिज्ञों की निगाहें
अठारह वर्ष के युवाओं की वोट पर
यही होंगे
हार जीत के निर्णायक
युवा वर्ग ही है इसके लायक
राजनीति में युवाओं की बुद्धिमत्ता पर विश्वास
ग्राफ बढ़ा है या
दिन दिन हो रहा है ह्रास
इस बार अवश्य सामने आएगा
अठारह वर्ष के युवाओं की राजनीति
वोट में अलग रंग दिखाएगा । 

वादें हैं वादों का क्या

चुनावी मैदान में नेता जी
वादों का पिटारा लेकर आए हैं
पाँच वर्षों के बाद
जनता को फिर भरमाए हैं
जनता जानती है
आज बड़े -बड़े वादों के सहारे ही
राजनीति होती है
नेता जी !
जनता की  उम्मीदों पर सिर्फ
आश्वासनों का मरहम नहीं लगाएं
आश्वासनों का कुछ प्रतिशत भी तो
वास्तविकता में लाएं
जनता चाहती है
हर बार की तरह
इस बार न गुनगुनाएं
कसमें वादें प्यार वफ़ा सब
वादें हैं वादों का क्या । 








चुनावी घोषणा पत्र

राजनीतिक दल
मतदाताओं  को लुभाने के लिए
पुनः चुनावी घोषणा पत्र बनाने में है व्यस्त
हर वार की तरह इस वार भी
जनता यह देखकर है त्रस्त
घोषणा पत्र मात्र छलावा होता है
इसके बारे में ना तो उम्मीदवारों को
और ना ही राजनीतिक दल के
कार्य - कर्ताओं को होता है पता
यह मात्र दिखावा होता है
इसमें मतदाताओं को
मुंगेरी लाल के हसीन सपने
दिखाए जाते हैं
समय आने पर रेत की ढ़ेर की तरह
बिखर जाते हैं
सत्ता हासिल होने के बाद
घोषणा पत्र हवा हो जाता है
मतदाता इसके फेर में पड़कर
हाथ मलता रह जाता है । 









कथनी और करनी

चुनाव घोषणा के बाद
नेताओं द्वारा
कश्मीर से धारा तीन सौ सत्तर हटाना
समान नागरिक संहिता लाना
बेरोजगार को रोजगार
अपराधों पर अंकुश
महिलाओं की  सुरक्षा
भय,भूख और भ्रष्टाचारमुक्त शासन का
वादा  किया जाता है
पर ना तो भूख खत्म हुई और ना ही भय
असुरक्षा बोध दिन-दिन
बढ़ता नजर आता है
 न्यायपूर्ण और समतावादी शासन तो दूर
कथनी और करनी की खाई
साफ-साफ दर्शाता है।
\   

Sunday, 17 November 2013

सोना नागपुर

कभी था सबकुछ
अनछुवा और  कुंवारा
यह प्राकृतिक स्थल
छोटानागपुर !
सोना नागपुर !!

प्रकृति और जीव जहां एकाकार हों
जहाँ एक ही सत्ता राज हो
वह होता है प्रेम
उसी प्रेम स्थल का नाम है
छोटानागपुर !
सोना नागपुर !!

यहाँ की जन जातियां
एक दूसरे में एकात्म
न कोई स्त्री न कोई पुरुष
किसी भी भेद-विभेद से परे
दोनों के बीच घटती
एक  साधारन सी शारीरिक क्रिया
अलौकिक लगती है
वह प्रेम का प्रतीक है
छोटानागपुर !
सोना नागपुर !!

सब कुछ रोमांचकारी
वह अनुभव जो अनुभूति तो किया जा सके
पर व्यक्त नहीं
सम्भवतः परानुभूति कहते हों शास्त्र
वह ही है
जीवन शैली की परिकाष्ठा
छोटानागपुर !
सोना नागपुर !!

इस अनोखे आकर्षक स्थल पर
स्वयं वनस्पति बन कर उगना
शहद का छत्ता बन कर
मनुष्य और भाल पर टपकना
तितली बन कर फूलों से बतियाना
रहस्यमय हैओ इस स्थान का साधारनपन
सच्चेपन की परिकाष्ठा के कारन
असाधारनता प्रदान करता
ही साकार करेगा
अभिव्यक्त करेगा
बतायेगा क्या है
छोटानागपुर !
सोना नागपुर!!


Saturday, 16 November 2013

सचिन...सचिन

सचिन सचिन 

क्रिकेट का बादशाह
क्रिकेट का गौरव
क्रिकेट का विजेता
क्रिकेट का प्रणेता
क्रिकेट खेल के
ड्रेस में  दस नम्बरी
अर्ध शतक बनाने में
शतक जमाने में
रानों की संख्या बढ़ाने में
मैन ऑफ़ द मैच में
मैन ऑफ़ द सीरीज में
अनेक में
सब में एक नम्बरी
क्रिकेट का शिखर पुरुष
क्रिकेट का सिकंदर
दो सउआ खेल खेलते समय
वानखड़े स्टेडियम के अंदर
अपने धरती की  माटी को
सर पर लगाकर
खेल कि महत्ता बता कर
१६ नवंबर २०१३ के दिन
सजल नयनों से वक्तव्य देकर
विदा हो गया
भारत रत्न से अलंकृत होने वाले
क्रिकेट खेल के धुरंधर
क्रिकेट के भगवान्
हमें सचिन पर है अभिमान
हर क्षण याद रहेगा
अश्रुपूरित नयनों के साथ
तुम्हारी अस्मरणीय विदाई
सचिन बधाई बधाई बधाई । ।

Thursday, 14 November 2013

शुभकामनायें सचिन

शुभकामनायें सचिन

खेल जीवन के इतिहास में
दो सौवां खेल खेलकर
चौहत्तर रन की बढ़त
अर्जून जैसा लक्ष्यधारी
हाथ में
बल्ला में अतुलित बल
क्रिकेट का दीवाना
नज़ाकत के साथ ताकत
चौबीस साल तक
खुशियों से झोली भरनेवाला
सचिन तेंदुलकर
अलविदा कहकर चला गया
खेल में आई यह रिक्तता
कैसे होगी पूर्णिता
पूरा भारत यह सोंचता है
खेल पर कौन रख पायेगा अंकुश
शुभकामनाएँ प्रेषित करता है
खेल प्रेमी
निरंकुश ।                                                                                                

सचिन तेंदुलकर सलाम

रजनी तेंदुलकर का लाड़ला
क्रिकेट का भगवान
मास्टर ब्लास्टर
खेल के मैदान का सिकन्दर
क्रिकेट खिलाडियों का प्रणेता
विश्व का चहेता
अपना दो सौवां खेल खेलकर
खेल के दिन
भारत बंद की स्थिति
सुखद आनंद की अनुभूति
क्रिकेट खेल में
भारत को शिखर तक पहुंचानेवाले
लोकप्रियता की परिकाष्ठा
खेल को अलविदा कहनेवाले
स्वर्णाक्षर में इतिहास गढ़नेवाले
सचिन तेंदुलकर
झारखण्ड हिन्दी साहित्य विचार मंच के
समस्त सदस्यों का
सलाम । 

Wednesday, 13 November 2013

अपने शहर की सड़क


नई चमचमाती काली सड़क पर
रात पैदल चलते हुए
अनायास याद आता है
अपने शहर का
लाल लाल मोरम से बना
 टेढ़ी मेढ़ी वह सड़क ।

दिन बीत गए
बरसों गुजर गए
उस समय की सड़क में
एक नई रवानगी थी
अपनापन था
भले ही वह आज की तरह
चिकनी फिसलनवाली नहीं थी
खुरदरी थी
पर प्रिय थी ।

समय के साथ साथ
वह काली हो गई
पसर गयी
और चौड़ी हो गयी
वर्षों पहले शहर के राहगीरों ने
बसाया था छोटा सा
अपना एक संसार
नुक्कड़ पर दोस्तों से मुलाकात
झोपड़ीनुमा दूकान पर
चाय पिलाती शुक्राइन
बाल बनाने वाला कलिया हजाम
कपडा धोकर लोहा करता रफ़ीक
दोने में धुसका चटनी खिलाती सोमरी
कैरम बोर्ड जमाते वीरू भाई
साइकिल मरम्मत करता भोला
बुक स्टाल वाले इंदु भाई
और भी न जाने कितने जाने अनजाने
सभी मिले-जुले  सुख दुःख में ।

अब दुनिया कितनी बदल गयी
अनजाना लग रहा है सुब कुछ
चौड़ी सड़क पर
कंक्रीट के बने
अट्टालिकाओं प्रतिष्ठानों
मॉलों के बाजारों ने
दूर कर दिया सभी को
एक दूसरे से
हम टूट गए
छूट गए
विकास के नाम पर । 

मै और मेरा शहर

मैं छोटा था
शहर भी छोटा था
इसलिए सुंदर था
शांत था
रमणीय था
और  अलग भी
दूसरे अन्य शहरों से

मैं बड़ा होगया
शहर भी बड़ा हो गया
फैल गया
मेरी तरह ख़त्म हो गयी
उसकी भी शांति

चंचलता शोखपन
रवानगी दीवानगी
मेरी नष्ट हो गयी
नष्ट हो गयी है
शहर की भी सुंदरता  
दफन हो गयी है
इसकी भी  इंसानियत
यही है हकीकत

याद आ गयी
बहुत पहले कही गयी बातें
छोटी चीज़ों  में छिपा रहता है
इस तरह उनका बड़प्पन
कि  बड़ी चीज़ें
बहुत छोटी हो जाती हैं
उनके सामने

बड़ा होना खल गया
मुझे भी और
अपने शहर रांची को भी ।


Sunday, 10 November 2013

गायिका रेश्मा

सितारों को सरहदें कभी
अलग कर सकती नहीं
उसकी धड़कनें हर दिल में सुनायी देती है
'लम्बी जुदाई ' गाने वाली मशहूर गायिका
हम सबसे जुदा हो गयी
पाकिस्तान के सबसे बड़े नागरिक सम्मान
सितारा-ए-इम्तियाज़ से नवाज़ी गयी
हिंदुस्तान के गीत प्रेमियों की चहेती
पकिस्तान की आंखों का तारा
जीवन और मृत्यु से लड़ती हुई
सदा के लिए चली गयी
बीकानेर राजस्थान के
बंजारा परिवार में जन्मी
रेश्मा की  रेशमी आवाज़
खामोश हो गयी
अब भी सुनायी पड़ती है
'दमादम मस्त कलंदर'
'हवो रब्बा ' नहीं लगदा दिल मेरा'
'सुन चरखे दी मिटटी मिटटी '
'मैं चोरी चोरी '
'अंखियों नू रहने दे'
'अँखियाँ दे कोल कोल '
सरहदी सीमाओं को मिटाने वाली
सबके दिलों में बसने वाली
मशहूर गायिका रेश्मा
अलविदा। …  । । 


 

श्रद्धांजलि - राजेंद्र यादव

'हंस' को अमृत रुपी दूध पिलाने वाला 
हिंदी साहित्य का चितेरा
सारे बंधनों को तोड़कर
सदा के लिए चला गया
 हिंदी साहित्याकाश के देदीप्यमान  नक्षत्रों में
स्थायी स्थान उसने बना लिया
हिंदी के वृक्ष पर
कांव कांव कर रहे कव्वुओ में से
प्रेमचंद के हंस को
पुनर्जीवित करने वाले की कमी को
कौन भर पायेगा
तुम तो चले गए
सदा के लिए मौन हो गए
परन्तु 'प्रेत बोलते हैं'
'सारा आकाश ' विद्यमान है
'अनदेखे अनजान पुल ' पर
'शह और सात ' प्रमुख उपन्यास संग
'एक इंच मुस्कान' दृष्टव्य है
हिंदी साहित्य में नयी कहानी शुरुआत करने वाले
महामनीषी !
साहित्यकार!!
राजेंद्र यादव !!!
श्रद्धा सुमन अर्पित
शत शत नमन ।  

संकल्प

दीपावली के शुभ  अवसर पर

पाटाखों के बदले

अपने मन के संकुचित भाव

किसी के प्रति द्वेष

काम क्रोध लोभ मोह

मन से हटाकर

मत्सर को जलाकर

स्नेह भाव के दीपक जलाएं

अज्ञान के अन्धकार को हटाएं

अंधियारी गलियों से निकलकर

उजास भरे आसमान की  ओर सफ़र कराएं

एक दीया 

इन्ही संकल्पों के साथ जलाएं ।
 

Tuesday, 5 November 2013

चित्रांश

चित्रगुप्त पूजा के शुभ अवसर पर 
सभी चित्रांश 
अपने मन के संकुचित भाव 
किसी के प्रति द्वेष 
मत्सर को जला कर 
कलम कागज दवात को 
पूजा के थाली में सजा कर  
भाई-द्विज के दिन बहिन के घर जाएं  
स्नेह भाव के दीपक जलाएं 
चित्रगुप्त के वंशज है हम 
अज्ञान के अन्धकार को हटाएं 
जीवन की अंधियारी गलियों से निकल कर 
उजास भरे आसमान की ओर सफर कराएं 
कलम उठा कर एक दीया 
इन्ही संकल्पो के साथ जलाएं 

ज्योति पर्व

ज्योति पर्व  यह मगलमय हो।
सृष्टि जगत पर सदा सदय हो।

संघर्षो की कठिन राह हो
या हो सघन अँधेरा ,
साहस सम्बल धीरज धर्म
हमसे कभी न क्षय हो।

कर्म के बल बढें सभी
उन्नति के पथ पर,
विघ्न बढाओं से जूझें
लेकिन सदा विजय हो।

दीप प्रज्वलित हो सर्वत्र
मिटे घोर अँधेरा,
हँसी खुशी हो हर प्राणी में
यह सदैव सुखमय हो।

रोग द्वेष भय मुक्त धरा हो
सुभ संचय हो ,
दुख दरिद्र विकार मिटे
इन सब का क्षय हो।

बुद्धि विवेक ज्ञान यश हो
नव ऊर्जा हो सिंचित,
ज्योति पर्व  पर धरा
समूची ज्योतिर्मय हो।

Saturday, 2 November 2013

दीया जलाएं

महंगाई की आंच ने
रखा नहीं काबिल
फिर भी दीया उठाएं
अपनापन के घी में
प्रेम कि बाती डुबोएं
दीया जलाएं।

खुशियों का त्यौहार
घोलेगा रिश्तों में मिठास
दिवाली की झोली में
खुशियाँ ही खुशियाँ हैं
मन के अंधियारे को मिटाएं
दीया जलाएं।

'इट ड्रिंक एंड मेरी'
त्यौहार नहीं है
अपनी संस्कृति को याद कर
आनंद और मौज मस्ती
अपने परिवार में लाएं
दीया जलाएं।

अमावस का अंधेरा छँटेगा
उजाले की बरसात होगी
रौशनी की जगमग खिलखिलाहट में
दीप की पंक्तियों में जुड़कर
दीया जलाएं।

रौशनी बिखेरती मोमबत्तियाँ
रंग-बिरंगे बल्बों की लड़ियाँ
घर दरवाजे पर सजे रंगोलियाँ
इन सब में भागीदारी निभाएं
दीया जलाएं।

लक्ष्मी प्राप्ति हेतु बुद्धि
गणेश जी प्रदान करें
धनवान बनने की राह में विघ्न बाधाएं
विघ्न विनायक हटाएं
लक्ष्मी गणेश की मूर्ति के समक्ष
श्रद्धा लगन के  साथ
दीया जलाएं।



दीपक

समय  के   साथ   बदले   हैं  दीपक।
नहले   पे   आज  दहले   हैं   दीपक।।
फैशन  युग  में    बन   गए  मॉडर्न।
दीपावली  में   ये  बिरले  हैं  दीपक।।
रौशनी पर फैली महंगाई की छाया।
फिरभी   भाता   पहले    है   दीपक।।
 बदलते समय  में ग्राहको के लिए।
अपना   स्वरुप   बदले   हैं   दीपक।।
साथी बनाकर कैंडिल  रंगीन बल्बें।
सबमे टिमटिमाता पहले है दीपक।।

Friday, 1 November 2013

ज्योतिपर्व की शुभकामनाएं

१.
संदेह के
अँधेरे को
हटाएं
रौशनी के इस त्यौहार में
एक दीप
विश्वास के साथ जलाएं
दीपावली की शुभकामनाएं।

२.
इस दिवाली में
किसी और के चेहरे पर
मुस्कान लाएं
उसकी जिन्दगी को रोशनी से भर दें
हँसें हँसाऐं
मुस्कराते हुए दीप जलाएं
दीपोत्सव की शुभकामनाएं।