प्रेम में डूबा प्रेमी
प्रेमिका को देखने में आतुर
प्रेमिका अपने प्रेमी के प्रति
सबकुछ समर्पित करने को न्योछावर
प्रेम स्वयंम सौन्दर्य है
सौन्दर्य की परिकाष्ठा है
सौन्दर्य है एक अनुभूति
एक दृश्य
एक दृष्टि
प्रेमिका को देखते ही प्रेमी ने कहा -
तू खुशबू है
ख़ुदा की मुलाकात है
आशिक की सदा है
अल्लाह की रज़ा है
सारी कायनात है
प्रेमिका सुनकर मुस्कराई
प्रेमी के करीब आई और फरमाई
तू खुदा का अंदाज़ है
इश्क की दरगाह है
रूह की आवाज़ है
अज़ल का इकरार है
जोग की राह है
फानी हुस्न का नाज़ है
जग का इनकार है
दोनों का कथन साफ-साफ बताता है
यही तो प्रेम है
सांसो का सांस होना
धडकनों का धड़कन होना
दोनों में प्रेम का ही आगाज़ है
एक साज़ है तो दूसरा आवाज़ है
दोनों ने सौन्दर्य का
सबसे बिराट प्रतिमान गढ़ लिया
एक दूसरे को पढ़ लिया
उनके समक्ष सबकुछ रीत गया
उनका एहसास जीत गया .
No comments:
Post a Comment