चित्रगुप्त पूजा के शुभ अवसर पर
सभी चित्रांश
अपने मन के संकुचित भाव
किसी के प्रति द्वेष
मत्सर को जला कर
कलम कागज दवात को
पूजा के थाली में सजा कर
भाई-द्विज के दिन बहिन के घर जाएं
स्नेह भाव के दीपक जलाएं
चित्रगुप्त के वंशज है हम
अज्ञान के अन्धकार को हटाएं
जीवन की अंधियारी गलियों से निकल कर
उजास भरे आसमान की ओर सफर कराएं
कलम उठा कर एक दीया
इन्ही संकल्पो के साथ जलाएं
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