Tuesday, 5 November 2013

चित्रांश

चित्रगुप्त पूजा के शुभ अवसर पर 
सभी चित्रांश 
अपने मन के संकुचित भाव 
किसी के प्रति द्वेष 
मत्सर को जला कर 
कलम कागज दवात को 
पूजा के थाली में सजा कर  
भाई-द्विज के दिन बहिन के घर जाएं  
स्नेह भाव के दीपक जलाएं 
चित्रगुप्त के वंशज है हम 
अज्ञान के अन्धकार को हटाएं 
जीवन की अंधियारी गलियों से निकल कर 
उजास भरे आसमान की ओर सफर कराएं 
कलम उठा कर एक दीया 
इन्ही संकल्पो के साथ जलाएं 

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