दीपावली के शुभ अवसर पर
पाटाखों के बदले
अपने मन के संकुचित भाव
किसी के प्रति द्वेष
काम क्रोध लोभ मोह
मन से हटाकर
मत्सर को जलाकर
स्नेह भाव के दीपक जलाएं
अज्ञान के अन्धकार को हटाएं
अंधियारी गलियों से निकलकर
उजास भरे आसमान की ओर सफ़र कराएं
एक दीया
इन्ही संकल्पों के साथ जलाएं ।
पाटाखों के बदले
अपने मन के संकुचित भाव
किसी के प्रति द्वेष
काम क्रोध लोभ मोह
मन से हटाकर
मत्सर को जलाकर
स्नेह भाव के दीपक जलाएं
अज्ञान के अन्धकार को हटाएं
अंधियारी गलियों से निकलकर
उजास भरे आसमान की ओर सफ़र कराएं
एक दीया
इन्ही संकल्पों के साथ जलाएं ।
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