Sunday, 10 November 2013

गायिका रेश्मा

सितारों को सरहदें कभी
अलग कर सकती नहीं
उसकी धड़कनें हर दिल में सुनायी देती है
'लम्बी जुदाई ' गाने वाली मशहूर गायिका
हम सबसे जुदा हो गयी
पाकिस्तान के सबसे बड़े नागरिक सम्मान
सितारा-ए-इम्तियाज़ से नवाज़ी गयी
हिंदुस्तान के गीत प्रेमियों की चहेती
पकिस्तान की आंखों का तारा
जीवन और मृत्यु से लड़ती हुई
सदा के लिए चली गयी
बीकानेर राजस्थान के
बंजारा परिवार में जन्मी
रेश्मा की  रेशमी आवाज़
खामोश हो गयी
अब भी सुनायी पड़ती है
'दमादम मस्त कलंदर'
'हवो रब्बा ' नहीं लगदा दिल मेरा'
'सुन चरखे दी मिटटी मिटटी '
'मैं चोरी चोरी '
'अंखियों नू रहने दे'
'अँखियाँ दे कोल कोल '
सरहदी सीमाओं को मिटाने वाली
सबके दिलों में बसने वाली
मशहूर गायिका रेश्मा
अलविदा। …  । । 


 

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