अक्षर अक्षर को गुँथकर
शब्दों को समेटकर
वाक्यों में ढालकर
सत्यम शिवम सुन्दरम जैसा
तैयार कर
हर्ष उत्कर्ष के साथ
शब्द-पुष्पों का हार
मंच के स्वर्ण जयंती वर्ष में
विद्वानों का
साहित्यकारों का
सहित्य साधकों का साहित्यानुरागियों का
संस्कृति कर्मियों का
सुनिश्चित करें आगमन
उन्हें नमन करने का
अभिनन्दन करने का
वन्दन करने के साथ
गले मे माला पहनाकर
अलंकृत कर
सम्मान प्रदान कर
मंच हुआ निहाल
सभी सदस्य रखें यह ख्याल
हमने मिलजुल कर
इस आयोजित उत्सव को
महोत्सव के रूप में
परिवर्तित कर
अतिथियों का शुभाशीष पाकर
सहित्य संस्कृति मंच का इतिहास
स्वर्णाक्षरों में अंकित कर दर्शाया।
हर्ष- उल्लास के साथ
मंच के स्वर्णजयंती वर्ष मनाया।।
★★★★★
© #कामेश्वर_निरंकुश
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