Friday, 29 March 2013

कंप्यूटरी प्रेम - होली के रंग में

  कंप्यूटरी प्रेम - होली के रंग में
 
होली के शुभ अवसर पर

प्रेमी मुस्कुराता हुआ

मन  ही मन गुनगुनाता हुआ

रंग से पिचकारी भरे

प्रेमिका को आते देख

अपने प्रेम का इज़हार किया

 तुम मेरी हो

सिर्फ मेरी हो

होली के शुभ अवसर पर मेरे जीवन में

ई- मेल की तरह  आई हो

और अब रंग से ओत प्रोत हो

इन्टरनेट की तरह छाई हो

मेरे दिल की फ्लॉपी में

विशेष मैटर की तरह समाई हो

बिना रंग लगाए न चैन है न आराम

तुम्हे रंग लगाये बिना नहीं कर पाउँगा कोई काम

मेरे मन  की मेमोरी में

किसी और का नाम नहीं है

और आजकल इस शरीर का की-बोर्ड

कर रहा कोई काम नहीं है

मेरी आँखों के मॉनिटर पर

सिर्फ तुम्हारी ही तस्वीर दिखाई देती है

जो हटती नहीं है

मेरे जीवन की वेबसाइट

डब्लू डब्लू डब्लू होली प्यार डॉट कौम

के वगैर खुलती नहीं है

डरता हूँ इस वर्ष की होली में

मेरे प्यार के रंग में

किसी वायरस का असर न हो

तुम्हारे दिल में किसी और का बसर न हो

सावधान रहना

रंग लगाना

पर किसी कनेक्शन की तरह

मत बदल जाना

मैं तो सॉफ्टवेर हूँ

तुम हार्डवेयर में मत ढल जाना

मेरे प्यार के रंग में रंग जाना

जम  कर होली मानना ...
 

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