Friday, 29 March 2013

होली आई है

होली आई है


कोयल कूंके अमराई में 
 
मन नहीं लगे तन्हाई में
 
राधा नाचे  अंगनाई  में 
 
तब समझो होली आई है 
 
 
जब आँख शर्म से झुक जाए 
 
कुछ कहती कहती रुक  जाए 
 
साली जीजा पर लुट जाये
 
तब समझो होली आई है 
 
 
अल्हड़  सी भरी जवानी हो 
 
जब प्रियतम की मनमानी हो 
 
हर एक अदा मस्तानी हो 
 
तब समझो होली आई है 
 
 
गालों पर लाली छा जाये 
 
आँखों का काजल भा जाये 
 
केशों में उंगली समा जाये 
 
तब समझो होली आई है 
 
 
अंग अंग जब फड़क उठे 
 
बिना पिए मन तड़क उठे 
 
रह रह कर जी चहक उठे
 
तब समझो होली आई है ...
 
 
 
 
 
 

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