Wednesday, 10 August 2016

फेसबुक के यार

अँधेरा
खामोशी
और तनहाई
दूर भगाता है मित्र
खुशियाँ लुटाता है मित्र।

जान न पहचान
फेसबुक पर जुड़े
दो चार चैटिंग किए
बन गई पहचान
थोड़ी सी ऑनलाइन
दूर दराज रहनेवाले
एक दूसरे के करीब
नज़र ही नहीं जाती
कौन है अमीर कौन है गरीब
छुट्टियों में मजा
एक दूसरे की मदद
अकेलेपन का साथी
हर बातें साझा करने का साथी
नई पीढ़ी की नई दुनिया
यानि आप
फेसबुक के मित्र
बुरे लोग कहाँ नहीं होते
पर सब बुरे नहीं होते
सतर्क होकर मित्र बनाया
आपके करीब आया
मित्रता दिवस के दिन
फेसबुक के यार
सभी को नमस्कार
निरंकुश का जोहार।

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