Monday, 26 October 2015

पर्यटन स्थल

सूरज के आगमन से
किसी भी ऋतू में
अलसाई आँखों से झरती है
दिन भर की मुस्कराहट
प्रकृति हो जाती है सुहावन
दृश्य लगता है मनभावन
मौसम के आगमन से
बृक्ष संवरते हैं
हरसिंगार के फूल झड़ते हैं
चाँद के आते ही भाग जाता है अँधेरा
शरद ऋतू के आगमन से
पेड़ों के पत्तों में
दिखता है हरापन
गमक जाता है जंगल
झरनो से बहता है
झर- झर कर दुधिया जल
थिरकने लगते हैं पॉँव
मांदर की थाप पर 
आकर्षित होते हैं वनवासी
और जुट जाते हैं
नाचते गाते
हंसी ख़ुशी के साथ
पर्यटन स्थल पर ।
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