Saturday, 23 March 2013

नव वर्ष में जय हो

 नव वर्ष में जय हो 

 
 
दीपशिखा से
 
देदीप्यमान
  
और अब
 
दिव्य मशाल बनते जा रहे हैं हम 
 
एक लम्बा अर्सा  गुजर गया 
 
हमारे कर्मो का गंगा रूपी जल 
 
अपरिमित मात्र में 
 
जन कल्याण करता हुआ 
 
सागर  में जा मिला हैं 
 
सद्चार से जुडी जीवात्मा का 
 
न आदि हैं न अंत 
 
नव वर्ष में प्रभु से हैं प्रार्थना 
 
सृष्टी के प्रत्येक श्रेयस्कर काम में रहें कर्ताव्यवान 
 
राष्ट्रीयता और संस्कार 
 
सर्वदा रहे विधमान 
 
सम्पादित  कार्य 
 
नित्य नूतन अमरत्व की  सृष्टी करती रहे
 
आपके हर दुःख  दर्द  कष्ट  क्लेश को हटाकर 
 
सुख  समृद्धि  हर्ष उत्कर्ष
 
जीवन में भरती  रहे 
 
आपकी जय हो
 
नव वर्ष मंगलमय हो .

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