यह सच है
अकाट्य सच है
सर्व विदित है
तुम सर्वरूपा हो
अनुपा हो
कामिनी
प्रिया
सखी
बहन
बेटी
मातृ स्वरूपा हो
तुम्हीं शक्ति
जीवन की मधुम यी
अनुरक्ती हो
तुम्हीं जननी
तुम्हीं पालिका
गुरू मां
ससृक्षा
आशक्त अनाशक्ति
तुम्हीं प्रीति रसधार
जिंदगी का श्रृंगार
उपवन की बहार हो
नाचती मोहिनी उर्जा हो
आनंदरूपा
मुक्तिद्वार हो
हे पूज्या मातृ शक्ति
तुम्हीं दुर्गा
तुम्हीं काली
तुम्हीं सरस्वती
हम सभी की
लगी रहे भक्ति
हे माते !
हम संतानों का
कृतज्ञ नमन
बारम्बार स्वीकार हो।
°°°°°
No comments:
Post a Comment