देखते ही देखते एक वर्ष कट गया।
मिली हुई आयु से एक वर्ष घट गया।।
वर्ष के व्यतीत होते
कुछ करने की
नया इतिहास गढ़ने की
युवा आह्वान की शुरुआत
युवा वर्ग के सब आयामों को
कुछ करने की प्रतिज्ञा को
गुमराह के गम से निकलकर
स्वावलम्बन
दिशाहीनता से आगे बढ़कर
युवाओं के दर्द को
टीस को तड़प को
आह को
चिंतन करते हुए
संकल्पित हो
युवा शक्ति के साथ
ऊँची उड़ान भरने का
सुअवसर प्रदान करें
महाजगरण लाने हेतु
आइये
संकल्प लें
स्वतः
युवा शौर्य चमकेगा
कालाधन
काला बाजार से निकलकर
प्रकाशदीप होगा
प्रज्ज्वलित
एक नए आदर्श के साथ
नैतिकता पनपेगी
राजनीति में नया मोड़ से
शारीरिक सौंदर्य ही नही
आंतरिक ऊर्जा बढ़ेगी
भटकन का होगा नाश
युवा भाग्य विधाता हैं
युवा ही समाज की रीढ़ हैं
सकल समाज जानेगा
असमानता
भ्र्ष्टाचार
अनैतिकता
दूर होकर
सकल विडम्बनाओं
उपेक्षाओं पर
लगायेगा अंकुश
युवा आह्वान महान है
यह कह रहा निरंकुश।
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--- कामेश्वर निरंकुश।
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