Saturday, 24 October 2015

तहस नहस

ऋषि मुनियों की शरण स्थली लहू-लुहान
कन्धे पर लटकता तीर कमान
अस्तित्वहीन और बेजान
रोग निदान हेतु जड़ी-बूटियाँ
जोश खरोस एवम् पुनर्जीवित करने वाले
पेड़ों के छाल
घाव भरनेवाली जंगल की हरी हरी पत्तियाँ
ताजगी रवानगी देनेवाले
युग-युगों से बहते जलप्रपात
उछल-कूद कर गति प्रदान करनेवाली
सर्पीली नदियाँ
चहचहाते रंग-बिरंगे 
कलरव करते पक्षी
मनमोहक मनभावन आकर्षित करते
दृश्य कहाँ गए
जारी है काले हीरे की चोरी
अच्छी लकड़ियों की तस्करी
पहाड़ बनते खाई
जंगलों की कटाई
केंद के पत्तों की अवैध ढुलाई
जमीनों पर अतिक्रमण और अधिकार
बेरंगा बेढंगा नीरस व्यवहार
तहस-नहस कर रहा है 
जन-जीवन
                -0-

No comments:

Post a Comment