दिल में चुभती है
नस्तर की तरह
जिंदगी की
कुंठा
संत्रास
घुटन
एक टीस सी उठती हैं
और फ़ैल जाता है
उनसे जन्मा दर्द
कोरे कागज़ पर
कविता बन कर ......
नस्तर की तरह
जिंदगी की
कुंठा
संत्रास
घुटन
एक टीस सी उठती हैं
और फ़ैल जाता है
उनसे जन्मा दर्द
कोरे कागज़ पर
कविता बन कर ......
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