देश को चलानेवाले
कर्णधार कहे जाने वाले
बुद्धिमान समझे जाने वाले
सांसद की आज वाणी
उनका आचरण
और वैचारिक व्यवहार
देश की गरिमा को
कर रहा है तार तार
कोई महात्मा गांधी के
स्वतंत्रता आंदोलन को
कह रहा है ड्रामा
तो कोई किसी को
रावण की औलाद
वे भूल चूके हैं
जनता की फरियाद
कोई दे रहा है
गोली मारने की चेतावनी
तो कोई कर रहा है
देश तोड़ने की मनमानी
कोई अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर
देश को तोड़ रहा है
तो कोई तीन सौ सत्तर के नाम पर
साम्प्रदायिकता का जहर जोड़ रहा है
वे भूल गए हैं के
संसद भवन की गरिमा
वह संसद भवन
जिसे कहा जाता है
लोकतंत्र का मन्दिर
पर आज ऐसा लगता है
वही जनता का प्रतिनिधि
वहां देशहित और जनहित पर
विचार विमर्श के बजाए
व्यर्थ की बहस में
समय नष्ट कर रहा है।
अंतर्गल बातों से
स्वयं को भ्रष्ट कर रहा है।।
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कर्णधार कहे जाने वाले
बुद्धिमान समझे जाने वाले
सांसद की आज वाणी
उनका आचरण
और वैचारिक व्यवहार
देश की गरिमा को
कर रहा है तार तार
कोई महात्मा गांधी के
स्वतंत्रता आंदोलन को
कह रहा है ड्रामा
तो कोई किसी को
रावण की औलाद
वे भूल चूके हैं
जनता की फरियाद
कोई दे रहा है
गोली मारने की चेतावनी
तो कोई कर रहा है
देश तोड़ने की मनमानी
कोई अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर
देश को तोड़ रहा है
तो कोई तीन सौ सत्तर के नाम पर
साम्प्रदायिकता का जहर जोड़ रहा है
वे भूल गए हैं के
संसद भवन की गरिमा
वह संसद भवन
जिसे कहा जाता है
लोकतंत्र का मन्दिर
पर आज ऐसा लगता है
वही जनता का प्रतिनिधि
वहां देशहित और जनहित पर
विचार विमर्श के बजाए
व्यर्थ की बहस में
समय नष्ट कर रहा है।
अंतर्गल बातों से
स्वयं को भ्रष्ट कर रहा है।।
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