मानव सभ्यता का उन्मेष
नारी की सहभागिनी बन बन कर प्रवेश
दोनों की सहकारिता से
समाज का निर्माण
विश्व में बन चुका है प्रमाण
नारी का विपुल व्यक्तित्व
दर्शाता है साहित्य
'यत्र नार्यस्तु पूज्यते रमन्ते तत्र देवता'
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
हर ओर मनाने का दे रहा है नेवता
सम्पूर्ण प्रकृति की सृष्टि में
यौवन का
सौंदर्य का
आकर्षण का
प्रसन्नता का
मादकता का
महिला दिवस इंगित करता है
सभी को देना है
नारी को सम्मान
तभी होगा
राज्य
देश
या
विश्व का
उत्थान।
●
© #कामेश्वर_निरंकुश
No comments:
Post a Comment