Saturday, 31 October 2015

सोना नागपुर

कभी था सबकुछ
अनछुआ और कुंवारा
यह प्राकृतिक स्थल
छोटा नागपुर ।
सोना नागपुर ।।

प्रकृति और जीव जहाँ एकाकार हो
जहाँ केवल एक ही सत्ता राज हो
वह होता है प्रेम
उसी प्रेम स्थल का नाम है
छोटा नागपुर ।
सोना नागपुर ।।

यहाँ की जन-जातियाँ
एक दूसरे में एकात्मा
न कोई स्त्री न कोई पुरुष
किसी भी भेद-विभेद से परे
दोनों के बीच घटती 
एक साधारण सी शारीरिक क्रिया
अलौकिक लगती है
वह प्रेम का प्रतीक है
छोटा नागपुर ।
सोना नागपुर ।।

सब कुछ रोमांचकारी
वह अनुभव
जो अनुभूत तो किया जा सके
पर व्यक्त नहीं
सम्भवतः परानुभूति कहते हों शास्त्र
वह ही है
जीवन शैली की परिकाष्ठा
छोटा नागपुर ।
सोना नागपुर ।।

इस अनोखे आकर्षक स्थल पर
स्वयं वनस्पति बनकर उगना
शहद का छत्ता बनकर
मनुष्य और भूमि पर टपकना
तितली बनकर फूलों से बतियाना
रहस्यमय है
इस स्थल का साधरणपन
सच्चेपन की परिकाष्ठा के कारण
असाधरणता प्रदान करता 
वही साकार करेगा
अभिव्यक्त करेगा
छोटा नागपुर ।
सोना नागपुर ।।
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