जीवन भर साथ निभाती है पत्नी
पतिश्री की पूरक कहलाती है पत्नी
पति समस्या में उलझ जाये जब भी
उसे झटपट सुलझाती है पत्नी
हर रिश्तों में उसकी झलक दिखती है
बेटी बहन माँ में वही मिलती है पत्नी
कष्ट सहकर घर को बनाती है मंदिर
सुख का माहौल बस दिलाती है पत्नी
निरंकुश से पूछो पत्नी क्या है होती
गीत ग़ज़ल कविता के शब्दों में पत्नी
पतिश्री की पूरक कहलाती है पत्नी
पति समस्या में उलझ जाये जब भी
उसे झटपट सुलझाती है पत्नी
हर रिश्तों में उसकी झलक दिखती है
बेटी बहन माँ में वही मिलती है पत्नी
कष्ट सहकर घर को बनाती है मंदिर
सुख का माहौल बस दिलाती है पत्नी
निरंकुश से पूछो पत्नी क्या है होती
गीत ग़ज़ल कविता के शब्दों में पत्नी
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